Unche Parbat Bhole Shankar Baithe Aasan Daal/ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल।


ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
अमर कथा जब लगे सुनाने गौरा को त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
अमर कथा जब लगे सुनाने गौरा को त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता।।

अमर कथा शंकर ने जब गौरा को सुनाई,
अमर कथा शंकर ने जब गौरा को सुनाई,
कथा हुई ना पूरी और नींद उमा को आई,
कथा हुई ना पूरी और नींद उमा को आई,
मालूम पड़ी नहीं शंकर को–2, तोते की हुंकार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
अमर कथा जब लगे सुनाने गौरा को त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता।।

जब नींद से गौरा जागी मन सोच करे अति भारी,
जब नींद से गौरा जागी मन सोच करे अति भारी,
बोली ये शंकर से प्रभु लग गई आंख हमारी,
बोली ये शंकर से प्रभु लग गई आंख हमारी,
आधी कथा सुनी है हमने –2, आधी दियो सुनाये,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
अमर कथा जब लगे सुनाने गौरा को त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता।।

बोले शिव शंकर जी तब ये कथा सुनी है किसने,
बोले शिव शंकर जी तब ये कथा सुनी है किसने,
जिंदा ना छोडूंगा ये दिया हुंकरा जिसने,
जिंदा ना छोडूंगा ये दिया हुंकरा जिसने,
आगे–आगे तोता भागे–2, पीछे हैं त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
अमर कथा जब लगे सुनाने गौरा को त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता।।

भागत–भागत तोता मन सोच करे अति भारी,
भागत–भागत तोता मन सोच करे अति भारी,
हाथ जोड़कर ठाड़े खता कर दो माफ हमारी,
हाथ जोड़कर ठाड़े खता कर दो माफ हमारी,
अमर कथा सुन ली थी हमने–2, जग का करो उद्धार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
ऊंचे पर्वत भोले शंकर बैठे आसन डाल,
अमर कथा जब लगे सुनाने गौरा को त्रिपुरार,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता,
उमा के पड़ रहो सोता, हुंकरा दे रहयो तोता।।
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